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सावधानी ही बचाव है : कोरोना मरीजों को ब्लैक फंगस से सचेत रहने की जरूरत

Publish Date : 18/05/2021

कैंसर,डॉयबिटीज,हार्ट,अस्थमा,टीबी जैसी घातक बीमारियों के रोगियों को सजग रहने की जरूरत
– ब्लैक फंगस के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सजग
– नेत्र रोग विशेषज्ञों की सलाह- बीमारी का पता चलते ही तुरन्त स्वास्थ्य परामर्श लेने की दी सलाह
झज्जर, 18 मई
कोरोना संक्रमित मरीजों की उचित देखभाल के साथ ही उनका स्वास्थ्य संबंधित उचित मार्गदर्शन झज्जर जिला में स्वास्थ्य विभाग की ओर से किया जा रहा है। कोरोना से बचाव के लिए जहां लोगों को निरंतर जागरूक किया जा रहा है वहीं डीसी जितेंद्र कुमार के निर्देशानुसार झज्जर जिला में अब कोरेाना संक्रमित मरीजों को स्वास्थ्य सुधार में पूरी सावधानी बरतने के लिए सचेत किया जा रहा है। सिविल सर्जन डा.संजय दहिया ने कहा कि कोरोना से बचाव के व्यापक प्रबंध जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित किए गए हैं, ऐसे में लोगों को संक्रमित मरीजों को चिकित्सा अधिकारियों के दिशा-निर्देशों अनुरूप पालना करनी होगी तभी बीमारियों से बचाव हो सकता है। झज्जर सिविल सर्जन डा.संजय दहिया ने जहां स्वास्थ्य गतिविधियों की जानकारी विस्तार से दी वहीं महामारी के दौर में उपजी नई बीमारी ब्लैक फंगस को नेकर नेत्र रोग विशेषज्ञों ने भी जिलावासियों को स्वास्थ्य सुरक्षा के सुझाव दिए हैं।
सिविल सर्जन डा.संजय दहिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से कोरोना महामारी के कारण ब्लैक फंगस रूपी रोग पर विशेष फोकस रखा जा रहा है। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला में कोरोना संक्रमण के कारण होने वाली ब्लैक फंगस बीमारी से बचाव के व्यापक प्रबंध व रोगियों को समय रहते इलाज करवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
सजगता ही बचाव का सशक्त माध्यम : डा.मीनू
नागरिक अस्पताल झज्जर की नेत्र रोग विशेषज्ञ डा.मीनू का कहना है कि सिविल सर्जन डा.दहिया के निर्देशों की पालना करते हुए स्वास्थ्य जांच में नेत्र रोग से जुड़ी टीम पूरी सक्रियता से लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि म्यूकर माइकोसिस इंफेक्शन अर्थात ब्लैक फंगस एक गंभीर बीमारी है जो संक्रमित शरीर के अंदर तेजी से फैलती है। उन्होंने बताया कि कैंसर,डायबिटीज,हार्ट,अस्थमा और टीबी जैसी घातक बीमारियों के साथ-साथ कोरोना की बीमारी भी है तो उन्हें ब्लैक फंगस की बीमारी से ज्यादा सचेत रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों को इस ब्लैक फंगस जैसी बीमारी से अधिक सचेत रहना है। उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस मरीज के दिमाग, फेफड़े, स्किन पर सीधे अटैक करता है और आंखों की रोशनी तक इस रोग के कारण जा सकती है, ऐसे में मरीज को यदि किसी भी रूप से दांत दर्द, दांत टूटना, जबडों में दर्द, धुंधला दिखना, सांस में परेशानी होना या आंखें लाल होना सहित पलकों पर सूजन दिखाई देती है तो आवश्यक चिकित्सक से जांच करवाते हुए सजगता बरतकर बचाव का सशक्त माध्यम अपनाएं।
ब्लड ग्लूकोज पर रखें ध्यान : डा.नूपूर
नेत्र रोग चिकित्सक डा.नूपूर का कहना है कोरोना महामारी के कारण विकसित हो रही ब्लैक फंगस बीमारी से बचाव के लिए मरीज ब्लड ग्लूकोज पर नजर अवश्य रखें। साथ ही स्टेरॉयड के इस्तेमाल में समय व डोज का पूरा ध्यान रखा जाए। ऑक्सीजन थेरेपी के दौरान स्टेराइल वाटर का प्रयोग करें। एंटी बायॉटिक्स व एंटी फंगल दवाइयों का सावधानी से इस्तेमाल करें और ब्लड शुगर की मात्रा नियंत्रित रखें। उन्होंने कहा कि यदि किसी भी व्यक्ति को इस प्रकार की बीमारी के लक्षण महसूस होते हैं तो वह तुरन्त स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों से भी संपर्क करें ताकि समय रहते इसका इलाज संभव हो सके।

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