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मनरेगा श्रमिकों को रोजगार के साथ विकास की राह हुई लॉकडाउन मेंं आसान

Publish Date : 26/04/2020

मनरेगा के तहत लॉकडाउन में 700 से अधिक श्रमिकों को मिला रोजगार
– मंडी में खरीद से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जलघरों की सफाई, संपर्क मार्गों की मर मत के कार्य में मनरेगा
– मनरेगा श्रमिकों को मास्क, सेनेटाइजर व हाथ धोने के साबुन की मिल रही सुविधा
झज्जर, 25 अप्रैल
कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान लॉकडाउन में ग्रामीण क्षेत्रों में महात्मा गांधी राष्टï्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (मनरेगा) योजना के तहत श्रमिकों को रोजगार देने के उद्देश्य से जिला की कुल 23 ग्राम पंचायतों में जरूरतमंद श्रमिकों को रोजगार प्रदान करते हुए विकास कार्य शुरू किए गए हैं। झज्जर जिला में खाद्य एवं पूर्ति विभाग को मंडियों में गेंहू व सरसों की खरीद से जुड़े कार्यों के लिए मनरेगा के तहत पंजीकृत श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा है।
झज्जर जिला की पंचायतों में अलग-अलग परियोजनाओं पर 766 श्रमिकों ने काम करना आरंभ कर दिया है तथा मंडियों में भी 100 से अधिक मनरेगा श्रमिक काम करने के लिए आगे आए हैं जिसके चलते लॉकडाउन में जरूरतमंदों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए वहीं ग्रामीण विकास को नई गति मिली।
श्रमिकों को मिली कोरोना से बचाव की सुविधाएं :
उपायुक्त जितेंद्र कुमार ने बताया कि जिला में मनरेगा के तहत जारी कार्यों में कोरोना वायरस से बचाव के लिए आवश्यक सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा जा रहा है। सरपंच व मेट के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा रह है कि मजदूर कार्यस्थल पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मुंह को मास्क या कपड़े से ढककर रखें और अपने हाथ साबुन से धोएं। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि मौके पर त बाकू, बीड़ी या गुटखे का प्रयोग न हो। वहीं अनाज मंडियों में भी मार्केट कमेटी के अधिकारियों को भी श्रमिकों की सुविधा के लिए आवश्य दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं।
आर्थिक सहयोग के साथ विकासात्मक कदम आगे बढ़ेंगे :
उपायुक्त ने बताया कि मनरेगा के तहत पात्र व्यक्तियों को आर्थिक सहयोग के साथ ही विकासात्मक कदम प्रशासन की ओर से आगे बढ़ाए जा रहे हैं। जिला के अनेक गांव में तालाब की खुदाई, जल घरों की सफाई, पार्क एवं व्यायायशाला का विकास, रूरल कनेक्टिविटी का कार्य व व्यायामशाला में मिट्टी के भरत आदि कार्य सुचारू रूप से जारी है। वहीं अन्य पंचायतों में भी लॉकडाउन के दौरान एक ओर जहां विकास परियोजनाएं जारी हैं वहीं जरूरत के समय श्रमिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि फसल खरीद आरंभ करने के लिए जब श्रमिकों की मांग आई तो करीब 750 श्रमिकों ने काम करने की इच्छा जताई उसके उपरांत अन्य पंचायतों से भी 200 से अधिक श्रमिक काम करने के लिए इच्छुक नजर आए।
मनेरगा बन रही है विभिन्न विभागों के कार्य में मददगार :
सीईओ जिला परिषद विजेंद्र हुड्डा ने जानकारी देते हुए बताया कि मनरेगा के तहत ग्रामीण विकास से जुड़े सभी विभागों में कार्य होते हैं। हाल ही में ग्रामीण विकास से जुड़े विभागों में मनरेगा से संबंधित कार्यों को लेकर चर्चा हो चुकी है। जिसके तहत सिंचाई, पशुपालन, शिक्षा, मार्केटिंग बोर्ड, पीडब्ल्यूडी बीएंडआर आदि विभागों से मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों की डिमांड मांगी जा चुकी है। वर्ष 2020-21 के दौरान ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए मनरेगा स्कीम में व्यक्तिगत श्रेणी के तहत कैटल शैड बनाने की मुहिम के तहत 303 लाभार्थियों की पहचान की गई है।

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