पशुधन सेवा को समर्पित विभाग
Publish Date : 27/05/2020
पशुपालन विभाग के अमले ने निभाई कोरोना वारियर्स की भूमिका :
– लॉकडाउन का पशुधन के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव ना पड़े, ऐसे में उठाए जरूरी कदम
– झज्जर जिला में 1,70,000 पशुधन का किया ड्यूल वैक्सीनेशन
झज्जर, 27 मई
कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौर में चल रहे लॉकडाउन से मानव जाति के साथ ही पशुधन भी अछूता नहीं है। ऐसे में मनुष्य के जीवनोपयोगी कदम के साथ ही पशुधन को भी सुरक्षित माहौल देने के लिए पशुपालन विभाग की ओर से अधिकारियों व कर्मचारियों ने अपना दायित्व कोरोना योद्धा के रूप में निभाया। झज्जर जिला में पशुपालन विभाग की सतर्कता और सजगता से पशु स्वास्थ्य पर लॉकडाउन का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ा। वैश्विक महामारी की इस आपदा भरी स्थिति में पशुपालन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से लेकर पशु चिकित्सकों तथा वीएलडीए सहित पशुपालन विभाग के पूरे अमले ने सावधानियां बरतते हुए कोरोना वारियर्स के तौर पर काम किया।
पशुपालन विभाग के मुख्यालय की ओर से मिले दिशा-निर्देशों के अनुरूप आपदा की इस घड़ी में पशुधन की सेवा को समर्पित होते हुए पशुपालन विभाग का अमला स्वयं को सुरक्षित रखते हुए फेस मास्क, सैनिटाइजर का उपयोग करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग की पालना कर पशु सेवा के लिए फील्ड में आया। मनुष्य तो फिर भी बोलकर अपनी व्यथा सुना सकता है या अपनी तकलीफ बता सकता है लेकिन बेजुबान पशुओं की जरूरतों का ख्याल रखना और उनकी दुख तकलीफों को समझना वास्तव में कठिन काम है, जो पशुपालन विभाग के अमले ने झज्जर जिला में निरंतर जारी रखा। लॉकडाउन की अवधि में पशु चारे की कमी न हो और पशुओं की दवाएं नियमित तौर पर पशु पालकों को उपलब्ध कराने के लिए पशुपालन विभाग की सक्रियता साफ दिखाई दी।
1,70,000 पशुधन को मुंहखुर, गलघोंटू बीमारी से बचाव हेतु लगाए टीके :
पशुपालन विभाग के उप निदेशक डा. मनीष डबास ने बताया कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान विभाग द्वारा जिला में ड्यूल वैक्सीनेशन कैंपेन चलाया जा रहा है जिसके तहत जिला के करीब 1,70,000 पशुधन को मुंहखुर और गलघोंटू बीमारियों से बचाव के लिए टीके लगाए जा चुके हैं। उक्त कार्य के लिए विभाग की 93 टीमें निरंतर पशु सेवा में लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि पशु पालकों को पशुधन की सुरक्षा के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है। वहीं जिला की 8 गौ शालाओं में मौजूद पशुधन के स्वास्थ्य को लेकर भी विभागीय स्तर पर ठोस कदम उठाए गए हैं। उन्होंने बताया कि विभाग के अमले ने गौशालाओं से लेकर बेसहारा पशुओं तथा पशुपालकों द्वारा रखे गए पशुओं के स्वास्थ्य का पूरा ख्याल रखा गया है। किसी भी रूप से पशु चारे की दिक्कत न हो इसके लिए नियमित तौर पर लॉकडाउन पास जारी करते हुए पशुपालकों का पूरा सहयोग विभाग की ओर से किया गया है। उन्होंने बताया कि बेसहारा गौ वंश के पुर्नवास की व्यवस्था के लिए भी विभागीय स्तर पर कदम बढ़ाए गए हैं और कमेटियों का गठन करते हुए पशुधन सेवा में योगदान दिया गया है।
डीसी ने किया पशुपालन विभाग को प्रोत्साहित :
डीसी जितेंद्र कुमार ने पशुपालन विभाग के पूरे अमले की कार्य शैली और कर्तव्यनिष्ठता की सराहना करते हुए उन्हें प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि आपदा की इस स्थिति में मानवता की सोच के साथ ही निभाई जा रही ड्यूटी पर कोरोना वारियर्स के रूप में पशुपालन विभाग का हर कर्मचारी कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि जिला के पशुधन के स्वास्थ्य का ख्याल रखने के साथ ही समय-समय पर पशुपालकों का मार्गदर्शन विभाग की ओर से किया गया है ताकि पशुओं में किसी प्रकार की बीमारी न फैले।