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घर पर पढ़ो अभियान का शुभारंभ : उपायुक्त

प्रकाशित तिथि : 12/04/2020

उपायुक्त जितेंद्र कुमार बोले, शिक्षा का प्रचार निरंतर हो
– अभियान के मद्देनजर शिक्षा अधिकारियों की ऑन लाइन बैठक का हुआ आयोजन
झज्जर, 12 अप्रैल
कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के प्रयासों के कारण सभी विद्यालय बंद हैं और विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षाएं भी स्थगित कर दी हैं। ऐसे समय में विद्यार्थियों के शैक्षणिक नुकसान को कम करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने घर से पढ़ाओ अभियान शुरू किया है। उपायुक्त जितेंद्र कुमार ने वैश्विक महामारी के दौरान शिक्षा का प्रचार प्रसार निरंतर हो इसके लिए जिला के सभी शिक्षा अधिकारियों और अध्यापकों से कहा कि विद्यार्थियों की पढ़ाई के हर संभव प्रयास किए जाएं ताकि हमारे बच्चे शैक्षणिक क्षेत्र में न पिछड़ें।
उपायुक्त के मार्गदर्शन में झज्जर जिला में घर पर पढ़ो अभियान का आगाज हुआ जिसमें इस अभियान को धरातल पर लागू करने के लिए जिला झज्जर के सभी शिक्षा अधिकारियों की एक ऑनलाइन बैठक हुई। बैठक में जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता रूहिल, प्राचार्य डाइट बी.पी.राणा, जिला परियोजना संयोजक परमजीत चहल, उप जिला शिक्षा अधिकारी संजीत गिल, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी मेघना कालाड़ी, जिला सक्षम नोडल अधिकारी डा. सुदर्शन पुनिया सभी खंड शिक्षा अधिकारी, केवल्या फाउंडेशन से सुनील गिल और डाइट से भूपेंद्र रोज ने भाग लिया।
उपायुक्त ने कहा कि घर से पढ़ाओ अभियान एक ऐसी पहल है जिसके अंतर्गत सभी अध्यापक अपने विद्यर्थियों को व्हात्सप्प ग्रुप के माध्यम से या किसी अन्य ऑनलाइन माध्यम से शिक्षा प्रदान करेंगें। अध्यापकों द्वारा बनाई गई या संगृहित की गई शिक्षण सामग्री को शिक्षकों द्वारा माता-पिता के साथ व्हाट्सएप और एसएमएस के माध्यम से सांझा किया जाएगा। विद्यार्थी विषयवार अपनी नोटबुक बनाएंगे और जो विद्यालय खुलने पर अध्यापकों द्वारा चैक की जाएगी। इसके अतिरिक्त शिक्षक माता-पिता को फोन करके और उनके साथ छात्र नोटबुक की तस्वीरें साझा करने के लिए कहकर हर रोज कुछ विद्यार्थियों की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे। अध्यापक भी अपनी डायरी में प्रतिदिन की रिपोर्ट लिखेंगे।
जिला शिक्षा अधिकारी सुनीता रूहिल ने बताया कि इस अभियान के तहत सभी की जिम्मेदारी निर्धारित कर दी गई है। विद्यालय स्तर पर विद्यालय मुखिया, सर्कल स्तर पर एबीआरसी या बीआरपी, खंड स्तर पर खंड शिक्षा अधिकारी, जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी और डाइट प्राचार्य इस अभियान को मूर्त रूप देने के लिए जिम्मेदार रहेंगे। उन्होंने बताया कि किसी पर तरह की शैक्षणिक सहायता प्रदान करने की जिम्मेदारी जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की रहेगी। सभी अध्यापक सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे तक ऑनलाइन पढ़ाई के लिए तत्पर रहेंगे और विद्यार्थियों की पढ़ाई की किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए उतरदायी रहेंगे।

घर पर पढ़ो